हिंद देश के निवासी
हिंद देश के निवासी, सभी जन एक है रंग रुप वेष भाषा, चाहे अनेक है ॥ध्रु०॥
बेला गुलाब जुई, चंपा चमेली प्यारे प्यारे फूल गूंफे, माला में एक है ॥१॥
कोयल की कूक प्यारी, पपीहे की टेर न्यारी गा रही तनारा बुलबुल, राग मगर एक है ॥२॥
गंगा जमुना बह्मपुत्रा कृष्णा कावेरी जाके मिल गई सागर में, वही सब एक है ॥३॥
- विनयचंद्र मौदगल्य
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