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पहिली ते दहावी संपूर्ण अभ्यास

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Friday 28 May 2021

आओं बच्चों तुम्हें दिखाएँ

        आओं बच्चों तुम्हें दिखाएँ 



आओ बच्चों तुम्हे दिखाएँ, झाँकी हिन्दुस्तान की इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की मातरम्, , वन्दे मातरम् ॥धृ०॥ 

उत्तर में रखवाली करता, पर्वत राज विराट है दक्षिण में चरणों को धोता, सागर का सम्राट है जमनाजी के तट को देखो, गंगा का ये घाट है बाट-बाट पे हाट हाट में, यहाँ निराला ठाट है देखों तस्वीरें अपने गौरव की, अभिमान की इस मिट्टी से ॥१॥

 ये है अपना राजपुताना नाज इसे तलवारों पे यहाँ प्रताप का वतन पला है आजादी के नारों पे कूद पडी थी जहाँ हजारों पट्टियाँ अंगारों पे बोल रही है कण-कण से कुर्बानी राजस्थान की इस मिट्टी से ॥ २ ॥

 देखा मुल्क मराठों का, , ये जहाँ शिवाजी डोला था मुगलों की ताकत को जिसने तलवारों पे तोला था हर पर्वत पे आग लगी थी, हर पत्थर इक शोला था बोली हर-हर महादेव की, बच्चा बच्चा बोला था यहाँ शिवाजी ने रखी लाज हमारी, शान की इस मिट्टी से ॥३॥ 

जलियाँवाला बाग ये देखों, यहाँ चली थी गोलियाँ ये मत पूछो किसने खेली, यहाँ, खून की होलियाँ एक तरफ बंदूकें दन-दन, एक तरफ थी टोलियाँ मरनेवाले बोल रहे थे, इन्कलाब की बोलियाँ यहाँ लगादी बहनों ने भी बाजी, अपनी जानकी इस मिट्टी से ॥४॥ 

ये देखो बंगाल यहाँ का, हर चप्पा हरियाली है यहाँ का बच्चा-बच्चा अपने देश पे मरनेवाला है ढाला है इसको बिजली ने भूचालों ने पाला है। मुट्ठी में तुफान बंधा है, और प्राण में ज्वाला है जन्मभूमि है यही हमारे वीर सुभाष महान की इस मिट्टी से ॥५॥ - प्रदीप

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