इतनी शक्ति हमें देना दाता
इतनी शक्ति हमें देना दाता मनका विश्वास कमजोर होना हम चले नेक रस्ते पे हम से भूलकर भी कोई भूल हो ना ॥ धृ०॥
बैर होना किसीका किसी से दूर अज्ञान के हो अंधेरे तु हमें तुम ज्ञान की रोशनी दे हर बुराई से बचते रहे हम जितनी भी दे भली जिंदगी दे. भावना मन में बदले की हो ना हम चले नेक रस्ते पे हमसे भूलकर भी कोई भुल हो ना ॥१॥
हम ना सोचे हमें क्या मिला है। हम ये सोचें किया क्या है अर्पण फूल खुशियों के बाँटे सभी को सब का जीवन ही बन जाये मधुबन अपनी करुणा का जल तु बहाके कर दे पावन हर एक मन का कोना चले नेक रस्ते पे हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना ॥२॥
-आभिलाष
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